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अरे पगली

  • Writer: Yugal Jain
    Yugal Jain
  • May 29, 2020
  • 1 min read

यूं मायूस सी बैठी हो,

मुझे दिल अपना दिखा क्यूं नहीं देती ।।

चिड़न है, ख़ून खौलता है, अरे गुस्सा है,

तो निकाल क्यूं नहीं देती ।।

मोहब्बत है, पसंद करती है मुझे,

इश्क़ अपना तुम जता क्यूं नहीं देती ।।

अरे यह - वो अगर - मगर, क्या चाहती हो तुम,

मुझे साफ़ साफ़ बता क्यूं नहीं देती ।।


- युगल

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